Header Ads Widget

Responsive Advertisement

सिलाई

काफी समय पहले की बात है, जब जापान विकसित देशो में शामिल नही था। उस समय जापान मे भी ट्रेनो की हालात भी काफी खस्ता थी। एक भारतीय भी उस ट्रेन में सफर कर रहा था। ट्रेन की सीट टूटी हुई थी।एक जापानी नागरिक भी उस ट्रेन में सफर कर रहा था। जापानी नागरिक ने अपनी बैग में से सूई धागा निकाला और सीट की सिलाई करने लगा। भारतीय नागरिक ने पुछा क्या आप रेल्वे के कर्मचारी है। उसने कहा ना मैं एक शिक्षक हूं।मैं इस ट्रेन से हर रोज अप डाउन करता हूं। इस सीट की खस्ता हालत देख बाजार से सुई धागा खरीद लाया हुं। सोचा हर रोज इस सीट को देखकर मुझे महसूस होता था कि अगर कोई विदेशी नागरिक इसे देखेगा तो मेरे देश की कितनी बेईज्जती होगी ऐसा सोच के सीट रिपेयर (सिलाई) कर रहा हूं ।सलाम उस देश के शिक्षक को जो देश की इज्जत अपनी इज्जत समझता हो और थोड़ासा काम करता हो और वो ही जापान आज इतना विकसित हो गया है कि हम उससे बुलेट ट्रेन खरीद रहे है ।बाकी ट्रक के पीछे या और कही भी सिर्फ "मेरा भारत महान" लिख देने से कोई देश महान नही बन जाता। बल्कि उस देश के नागरिको की अच्छी सोच और कर्म ही उसे महान बनाने में सहायक होते है। और तभी सही मायने में वो महान बन सकता हैं ।

Post a Comment

0 Comments