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प्रोजेक्ट उत्कर्ष : project utkarsh

"प्रोजेक्ट उत्कर्ष" के बारे में सामान्य जानकारी।

प्रोजेक्ट  उत्कर्ष एक क्विज बेस लर्निंग सिस्टम हैं। इसका उपयोग अत्यंत आसान है एवम इसके नियमित प्रयोग से विद्यार्थी की विषय व विभिन्न इकाइयों के प्रति समझ बढ़ती है एवम विषय का रीविसन भी नियमित रूप से होता हैं।

प्रोजेक्ट उत्कर्ष को ऑफ़लाइन व ऑनलाइन दोनों प्रकार से चलाया जा सकता हैं। प्रोजेक्ट उत्कृष को ऑनलाइन चलाने  हेतु पहले गूगल क्रोम पर जाने के पश्चाच www.quizacedamy.org पर जाए। पहली बार काम में लेते समय sign up करना पड़ेगा। नाम, ईमेल आईडी, पासवर्ड, कंफर्म पासवर्ड करने से साइन अप हो जाएगा। एक बार साइन अप होने के बाद हमेशा सीधे लागइन होना हैं। लाग इन होने के बाद " होम पेज" पर दी समस्त सूचनाओं का अध्ययन करे। यहाँ my space, course, exam, set पासवर्ड इत्यादि सुविधाएं उपलब्ध हैं। 

स्कुल की आईडी में एक अलग सुविधा मैनेज भी उपलब्ध हैं। इसके माध्यम से हम अनेक प्रकार के नियंत्रण रख सकते हैं।

इस पोर्टल पर " बुक" नामक आप्शन भी उपलब्ध हैं।इस वेबपोर्टल पर विभिन्न पाठ्यसामग्री व सहायक सामग्री व वीडियो भी उपलब्ध हैं। विभिन्न प्रकार की जानकारी विस्तृत रूप से उपलब्ध करवाई गई हैं। 

इस सिस्टम में विभिन्न स्तर के प्रश्न शामिल किये गए है। बहुत हल्के प्रश्नो से लेकर गूढ़ प्रश्न ताकि प्रत्येक विद्यार्थी सलग्न हो सके।

अब इसमें वॉइस का आप्शन भी आ गया हैं। प्रत्येक क्विज के पश्चात इसमें रिजल्ट  तुरन्त डिस्प्ले होता है अतः हम बच्चों के बीच प्रतियोगिता भी आयोजित कर सकते हैं। 

इस पोर्टल के अंदर खेली गई हर क्विज़ का इतिहास कायम रहता है। हिस्ट्री के तहत हम हर बच्चे के द्वारा दिए गए टेस्ट व प्राप्तांक को जांच कर सकते है। इस पोर्टल के प्रयोग से विद्यालय के अलावा अन्य पक्ष यथा जिला शिक्षा अधिकारी व जिला प्रशासन भी हमारी स्कुल परफोरमेन्स को जांच कर सकते हैं।

यह ऑफ लाइन भी चल सकता हैं। ऑफ़लाइन चलाने के लिए इसे डाउनलोड करना पड़ेगा। डाउनलोड करने के पश्चात इसे सिस्टम पर स्टोर करना पड़ता हैं। डाउनलोड करने से पहले कम्प्यूटर के टाइम सिस्टम को सही कर लेना आवश्यक हैं।

इसमें 25 पेज की टीचर्स गाइडलाइन दे रखी है जिसके अंदर प्रत्येक बिंदु को विस्तार से समझाया गया हैं। डाउनलोड के बाद हम कक्षा 10 व 9 की क्विज़ का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऑफ़लाइन में क्विज के लिए प्रश्नो की संख्या को भी सेट कर सकते हैं।

"Go to chapter " मतलब पाठ का चयन करना हैं। इसमें KBC का भी सिस्टम हैं। इसमें दो लाइफ लाइन भी परीक्षार्थी को मिलती हैं। हम चाहे तो 2 लाइफ लाइन और भी बढ़ा सकते हैं। इसमें 10 हजार से लेकर 1 करोड़ तक का स्कोर भी मिलता है ताकि विद्याथी का इंटरेस्ट बना रहे। ऑफ़लाइन टेस्ट के बाद भी रिजल्ट आता हैं।

ऑफ़लाइन खेले गए टेस्ट को बाद में ऑनलाइन भी किया जा सकता हैं। ऑफ़लाइन से ऑनलाइन करने के लिए जब हम कम्प्यूटर खोलते है तब लिखा आता है  quiz record remain pending! इसका मतलब है कि कितने टेस्ट ऑफ़लाइन खेले गए है जिनको ऑनलाइन करने हैं। नेट कनेक्ट करने पर  अप्लिकेशन खोलने पर ईमेल आईडी सही रहने पर ऑटो सिंक्रोनाइज़ हो जाता हैं। 

कम्प्यूटर में डेट का डाटा सही रखने हेतु एक सेल होता है जिसके खराब हो जाने पर कम्प्यूटर का डेट सिस्टम खराब हो जाता है अतः पुराने कम्प्यूटर पर इसे चेक करवाकर चेंज करवा लेना चाहिए ताकि डेट सिस्टम सही रहे।

स्कुल की मास्टर आईडी से प्रत्येक बच्चे की आईडी को अटेच करना होता हैं। एड होने के बाद हम स्कुल आईडी से हर बच्चे के द्वारा संपादित कार्य को जांच सकते है एवम हमारे स्कुल के द्वारा संपादित कार्य को जिला व राज्य स्तर पर जांच किया जा सकता हैं।

उपनिदेशक नूतनबाला कपिला जी के अनुसार इस प्रोजेक्ट के तहत खेली जाने वाले क्विज से ना केवल विद्यालयों के शैक्षणिक स्तर का उन्नयन होता है बल्कि विद्यार्थियों के स्कुल ठहराव में भी वर्द्धि होती हैं।  बच्चों के " फोकस लर्निंग " में बेहतर  सुधार आता हैं। प्रत्येक संस्था प्रधान को इस पर फोकस रहना है एवम प्राप्त परिणामों पर ध्यान रखना है ।

एक सुझाव के अनुसार हर बच्चे का हमको प्रत्येक बच्चे का एक रजिस्टर " प्रोजेक्ट उतकर्ष" हेतु संधारित करवाना हैं। 

कम्प्यूटर एक सेल्फ अंडरस्टैंडबल डिवाइस है, बच्चे इस पर काम करते हुए अनेक बाते स्वयम् सीखते हैं। नियमित प्रयोग से विद्यार्थी इसमें शीघ्र महारत हासिल कर सकते हैं। 

 इंटरनेट के मामले में अवलेबलटी,  ऐसेसबलटी व कॉन्सिअटेंसी मेटर  करती हैं। बिना इनेरनेट  के  प्रोग्राम एक्सेस करने के लिए एक एकीपमेंट बनाया गया हैं। जिसे होम सर्वर कहते है इसकी कॉस्टिंग 50 हजार व ज्यादा होती हैं।

Outlook.com, email.com , rediffmail.com, mail.india.com व live.com पर बिना मोबाइल नम्बर के भी ईमेल आईडी बना सकते हैं। हमें प्रोजेक्ट उत्कर्ष में हमें 2 अलग अलग आई डी से एंटर नहीं होना चाहिए। जहाँ स्कुल का नाम एंटर करना है वहाँ प्रिंसिपल अपना नाम नहीं डाले। 

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