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A letter by AMITABH BACHHAN

A letter by AMITABH BACHHAN




- ''नव्या- तुम्हारा नाम, तुम्हारा सरनेम तुम्हें उन मुश्किलों से कभी नहीं बचा पाएगा, जो एक महिला होने की वजह से अक्सर तुम्हारे सामने आएंगी।''

- ''आराध्या- मुझे लगता है कि समय के साथ तुम भी इन चीजों को समझने लगोगी। हो सकता है, मैं हर वक्त तुम्हारे आसपास न रहूं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं जो कुछ भी कह रहा हूं, वो तब भी तुम्हारे लिए उतना ही मौजूं होगा।''

- ''महिला के लिए यह दुनिया बेहद कठिन हो सकती है, लेकिन मुझे विश्वास है कि तुम जैसी महिलाएं ही इन चीजों को बदल सकती हैं। हालांकि, महिलाओं के लिए अपनी सीमाएं बनाना और दूसरों को फैसले से ऊपर सोचना भले ही आसान न हो, लेकिन तुम हर जगह महिलाओं के लिए एग्जाम्पल बन सकती हो।''

- ''ऐसा ही करना और जितना मैंने अब तक किया है, तुम दोनों उससे कहीं ज्यादा करोगी और यह मेरे लिए बेहद गर्व और सम्मान की बात होगी कि मैं अमिताभ बच्चन के नाम से नहीं, बल्कि तुम्हारे दादा और नाना के रूप में जाना जाऊं।''

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