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मनुष्य का महत्वकांशा

मनुष्य का महत्वकांक्षी होना एक स्वभाविक गुण है
प्रत्येक व्यक्ति जीवन मे कुछ न कुछ विशेष प्राप्त करना चाहता है कुछ बडे होकर वकील , डॉक्टर, इंजीनियर व राजनेता बनना चाहते है तो कुछ व्यापार मे अपना नाम कमाना चाहते है

इसी प्रकार कुछ समाज सेवा करना चाहते है तो कुछ भक्ति के मार्ग पर चलकर ईश्वर को पाने की चेष्टा करते है
कहते है जीवन व्यर्थ होगा अगर हमारे पास जीने की कोई वजह न होगी, महत्वकाक्षां नही होगी, लक्ष्य नही होगा अधिकतर लोग जीवन मे इसलिए सफल होते है क्योकि उनके पास लक्ष्य है

सभी व्यक्तियो की इच्छाएं अलग अलग होती है परंतु इनमे से बहुत कम लोग ही अपनी इच्छा को साकार कर पाते है थोडे से भाग्यशाली अपनी इच्छा को पूरी कर पाते है
एेसे व्यक्तियो मे सामान्यता दृढ इच्छा शक्ति होती है और वे एक निश्चित लक्ष्य की ओर सदैव अग्रसर रहते है

मनुष्य के जीवन मे एक निश्चित लक्ष्य का होना अनिवार्य है लक्ष्यविहिन व्यक्ति उस प्रकार होता है जैसे खेल के मैदान मे वो गेंद फेंके लेकिन सामने कोई विकेट ना हो एेसी स्थिति मे उसकी स्थिति किस प्रकार की होगी इस बात का अनुमान स्वत: ही लगाया जा सकता है अत:

जीवन मे एक निश्चित लक्ष्य एंव निश्चित दिशा का होना अति आवश्यक है

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