*पति पत्नी*
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चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी पत्नी से कहा "हमारे ज़माने में मोबाइल नही थे…!"
पत्नी: "पर ठीक पाँच बज कर पचपन मिनीट पर मैं पानी का ग्लास ले कर दरवाज़े पे आती और आप आ पहुँचते।"
पति: "हाँ मैंने तीस साल नौकरी की पर आज तक मैं समझ नही पाया कि मैं आता इस लिए तुम पानी लाती या तुम पानी ले कर आती इस लिये मैं आता था
पत्नी: "और याद है तुम्हारे रिटायर होने से पहले जब तुम्हें डायबीटीज़ नही थी ओर मैं तुम्हारी मनपसंद खीर बनाती तब तुम कहते की आज दोपहर में ही ख़याल आया की खीर खाने मिल जाए तो मज़ा आ जाए।"
पति: "हाँ .…सच मे…ऑफीस से निकलते वक़्त जो सोचता घर पर आकर देखता हूँ की वही तुमने बनाया है"
पत्नी: "आैर तुम्हें याद है जब पहली डीलीवरी के वक़्त मै मैके गइ थी ओर जब दर्द शुरु हुआ मुझे लगा काश तुम मेरे पास होते और घंटे भर मे तो जैसे कोइ ख़्वाब हो तुम मेरे पास थे।"
पति: "हाँ …उस दिन यूँ ही ख़याल आया कि जरा देख लूँ तुम्हें"
पत्नी: "और जब तुम मेरी आँखों मे आँखें डाल कर कविता की दो लाइनें बोलते"
पति: "हाँ और तुम शरमा के पलके झुका देती और मैं उसे कविता की 'लाइक' समझता"
पत्नी: "और हाँ जब दोपहर को चाय बनाते वक़्त मे थोड़ा जल गइ थी और उसी शाम तुम बर्नोल की ट्युब अपनी जेेब से निकाल कर बोले इसे अलमारी मे रख दो।"
पति: "हाँ …पिछले दिन ही मैंने देखा था ट्युब ख़त्म हो गइ है पता नही कब जरुरत पड़ जाए ये सोच कर मैं ले आया था"
पत्नी: "तुम कहते आज ऑफीस के बाद तुम वही आ जाना सिनेमा देखेंगे और खाना भी बाहर खा लेंगे"
पति: "और जब तुम आती तो जो मैंने सोच रखा हो तुम वही साड़ी पहन कर आती।"
फिर नज़दीक जा कर उस का हाथ थाम कर कहा
"हाँ हमारे समय मे मोबाइल नही था पर…
"हम दोनों थे।"
आज बेटा और उस की बहू साथ तो होते है पर बातें नही व्होटस् एप होती है, लगाव नही टेग होता है, केमिस्टृी नही कमेन्ट होता है, लव नही लाइक होता है, मीठी नोकझोक नही अनफ्रेन्ड होता है
उन्हें बच्चै नही केन्डीक्रश, सागा, टेम्पल रन और सबवे होता है…
पत्नी: "छोड़ो ये सब बातें हम अब वायब्रंट मोड़ पे है हमारी बेटरी भी १ लाईन पे है……"
पति: "अरे!! कहाँ चली?"
पत्नी: "चाय बनाने"
पति: "अरे मैं कहने ही वाला था की चाय बना दो ना।"
पत्नी: "पता है मैं अभी भी कवरेज मे हूँ… और मेसेज भी आते है।"
दोनों हंस पड़े
"हाँ हमारे ज़माने मे मोबाइल नही थे……"
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