उष्माघात ... लू लगना
लू लगने से मृत्यु क्यों होती है?
दिल्ली से आंध्रप्रदेश तक....
सैकड़ो लोग लू लगने से मर रहे है।
हम सभी धूप में घूमते है फिर कुछ लोगो की ही धूप में जाने के कारण अचानक मृत्यु क्यों होती है?
हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है,इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है।
पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37°सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत जरुरी और आवश्यक है।
पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है,जिससे शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालना टालता है।( बंद कर देता है )
जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है।तब शरीर का तापमान 37°डिग्री से ऊपर पहुँचने लगता है।
शरीर का तापमान जब 42°सेल्सियस तक पहुँच जाता है तब रक्त गरम होने लगता है और रक्त मे उपस्थित प्रोटीन पकने लगता है ( उबलते पानी में अंडा पकता है वैसे! )
स्नायु कड़क होने लगते है इस दौरान सांस लेने के लिए जरुरी स्नायु भी काम करना बंद कर देते है।
शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है,ब्लडप्रेशर low हो जाता है, महत्वपूर्ण अंग (विशेषतः ब्रेन )तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है।
व्यक्ति कोमा में चला जाता है और उसके शरीर के एक- एक अंग कुछ ही क्षणों में काम करना बंद कर देते है, और उसकी मृत्यु हो जाती है।
गर्मी के दिनों में ऐसे अनर्थ टालने के लिए लगातार थोडा थोडा पानी पीते रहना चाहिए,और हमारे शरीर का तापमान 37° मेन्टेन किस तरह रह पायेगा इस ओर ध्यान देना चाहिए।
Hot & cold food list
सेवफल - ठंडा
चिकू - ठंडा
संतरा - उष्ण
नींबू - उष्ण
प्याज - ठंडा
आलू - उष्ण
पालक - ठंडा
टमाटर - उष्ण
करेला - उष्ण
गोभी - ठंडा
गाजर - ठंडा
मिरची - उष्ण
मक्का - उष्ण
मेथी - उष्ण
बेंगन - उष्ण
भिन्डी - उष्ण
चुकंदर - ठंडा
सौंफ - ठंडा
इलायची - ठंडा पपीता - उष्ण
अनानस - उष्ण
अनार - ठंडा
गन्ना - उष्ण
नमक - ठंडा
मूँग दाल - ठंडा
चना दाल - उष्ण
गुड़ - उष्ण
तिल - उष्ण
मूंगफली / बदाम / काजू / अखरोट / खजूर - उष्ण
हलदी - उष्ण
कॉफी - ठंडा
दूध / दही / घी / छाछ / चाँवल - ठंडा
गर्मी में ठन्डे पदार्थ अधिक सेवन करने से होने वाली परेशानीयों से बचा जा सकता है।
✍ आयुर्वेद से संकलन
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