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बिना जीवनसाथी

एक पुराना ख़त"
और
एक मीठा उलाहना
.
.
.
"अजी सुनते हो एक बात कहूँ आपसे ???"
एक 80 साल की पत्नी ने अपने 84 साल के पति से कहा.
पति अपनी पत्नी के करीब आया और बोला:-
"हाँ कहो..!"
पत्नी भावुक होकर बोली, "आपको याद है
आपने हमारी शादी से ठीक पहले अपनी माँ को छुपकर एक ख़त लिखा था
जिसमें आपने अपने गुस्से का इजहार करते हुए लिखा था की आप मुझसे शादी नहीं करना चाहते क्योंकि आपको
मुझसे रिश्ता पसन्द नहीं था..!"
पति ने हैरान होकर पूछा,
"अरे वो ख़त तुझे कहाँ मिला वो तो बहुत पुरानी बात है..!"
पत्नी आँखों में आँसू भरके बोली, "कल आपके बक्से से मुझे ये पुराना ख़त मिला.
मुझे नहीं पता था
कि ये शादी आपकी मर्जी के खिलाफ हुई थी,
वरना मैं खुद ही मना कर देती..!"
पति ने अपना सर
अपनी पत्नी की बाँहों में रखा और बोला,
अरे पगली उस वक्त तो मैं सिर्फ 12 साल का ही था
और मुझे लगा
तू मेरे से शादी करके जब आएगी
तो मेरे कमरे में मेरे साथ मेरे बिस्तर और तकिये पे सोएगी,
मेरे सारे खिलौनों के साथ खेलेगी और मेरी गुल्लक से पैसे भी चुरा लेगी.
लेकिन उस वक्त
मैं ये कहाँ जानता था कि तू मेरी जिन्दगी में आकर मेरी जिन्दगी को एक कमरे से बाहर एक घर तक ले जायेगी,
ये कहाँ जानता था कि मुझे कपड़ों के बने खिलौनों से कहीं ज्यादा खुबसूरत और प्यारे खिलोने (हमारे बच्चे) तू मुझे देगी,
ये कहाँ जानता था कि
मेरी चिल्लर से भरी गुल्लक के
मुकाबले तू मुझे प्यार की बेशकीमती दौलत देगी.
अब बोल
अब भी कुछ पूछना बाकी है..? ?
पत्नी ने तसल्ली के साथ कहा "भगवान का शुक्र है मैंतो यही समझ रही थी
कि तुम्हें उस पड़ोस वाली से प्रेम था"
पति ने हँसते हुए कहा,
"अजी रहने दो कहाँ वो
और
कहाँ मेरी राजकुमारी... "
फिर दोनों
पत्नी और पति एक दूसरे से लिपट गए,
प्यार के आखिरी सफ़र की मंजिल अब कुछ ही दूर बची थी
उसके बाद एक कहाँ और दूसरा कहाँ.
इसलिए
अपने जीवनसाथी को जीवन में जितना खुश रख सकते हैं रखें
और जितना प्यार दे सकते हों दें.
बिना जीवनसाथी
इस जीवन में सब बेकार

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